If you’re looking for Army Desh Bhakti Shayari then you’re in the correct place in this blog post we have shared a lot of Indian Army Shayari that was dedicated to our Indian shoulders. All Indian national knows our Army plays an outstanding role in protecting our country from lots of dangers and we cannot able to forget what our army did for us.
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Indian Army Desh Bhakti Shayari
शीशे उठाए सीने पे बाँधा, सरहद पर वीर फौजी जी रहा है, धरती माँ की मोहब्बत का इज़हार, उसका वादा निभा रहा है। जय हिन्द!
चमकती है उसकी आँखों में जूनून, जागता है सीना हर दिन, मिटा रहा है जो आतंक को, वह अपने देश का गर्व बना रहा है। जय हिन्द!
रात्रि की घनी चादर में, वह आत्मविश्वास से भरा है, धरा पर उसकी कदमों की ध्वनि, दुश्मन को है चेतावनी दे रही है। जय हिन्द!
सरहद पर वीर फौजी की चौपाई, देशभक्ति की गाथा गा रही है, उसका हौंसला है अनबन, जीवन का यह यात्रा बना रहा है। जय हिन्द!
खाक में लिपटा वीर सैनिक, धरती की रक्षा का कर रहा वादा। सीना तन में छिपा है सर्वोच्च इरादा, सरहद पर खड़ा, देश के लिए संघर्ष कर रहा है। जय हिन्द!
जीवन की मिट्टी से जुड़ा है उसका रिश्ता, धरती माँ की ममता में है उसकी भक्ति। अपने वीरता से है भरी उसकी रूह, सरहद पर जो निभा रहा है, वह अद्वितीय कहानी बना रहा है। जय हिन्द!
बर्फीले शिखरों में चमकता है साहस, सरहद पर जिसने अपना वीरता दिखाया है। जो सोचता है मिटाना दुश्मन को, वह एक सच्चा हिन्दुस्तानी योद्धा है। जय हिन्द!
सरहद पर एक फौजी, जो हमेशा सजग है, धरती के लिए जो हर कठिनाई में रहा है। उसका जीवन देश से है संबंधित, सरहद पर हर पल, उसका बलिदान स्वीकृत है। जय हिन्द!
सरहद की हवा में बजती है उसकी साहस की आवाज, अपने कर्तव्य का निभाने में उसकी नजरों में चमक है। धरती के लिए जो समर्पित है पूरी तरह, सरहद पर एक फौजी, वीरता की उच्चता में बढ़ता है। जय हिन्द!
जागृति से होती है उसकी सेवा की भावना, सीना तन में लिपटा है उसका सच्चा वचन। चीर फाड़ के वह दिखाता है जज्बा, सरहद पर जो बना रहता है वीर फौजी का रूप। जय हिन्द!
सरहद पर खड़ा एक फौजी, हौंसला से भरा है उसका छाती, धरती की रक्षा का संकल्प, वीर सैनिक निभा रहा है सदैव साथी। जय हिन्द!
जो रात-दिन सीमा पर है जागता, चाहे बर्फबारी हो या तप्त रेगिस्तान, उसकी आँखों में बसा है देश प्रेम का अद्वितीय ज्यों समुंदर का आब है अनमोल गहराईयों में। जय हिन्द!
जान की बाजी लगाते हैं वीर सैनिक, चीर फाड़ कर बहाते हैं खून, धरा पर जिसकी कदमों की ध्वनि, दुनिया में है एक अद्वितीय गाना बना हुआ। जय हिन्द!
वीरता की कहानी है उसकी मुस्कान में छुपी, जो सीना तन में बाँधा है राष्ट्र का आदर, सरहद पर एक फौजी, जो हमेशा हौंसला बनाए रखता है, अपने देश के लिए संघर्ष कर रहा है निरंतर। जय हिन्द!
सरहद पर एक फौजी, जिसने वचन दिया है देश के लिए बलिदान, उसका शौर्य छमकता है सीने पर, जीवन भर रक्षा का संकल्प निभाने का है इरादा। जय हिन्द!
जो बर्फबारी की ठंडक में भी, रक्षा की आग में जलता है, वह सैनिक जो हर दुश्मन को हराने का संकल्प लेता है, सीना तन में बाँधकर देश के लिए बलिदान करता है। जय हिन्द!
सरहद पर उसकी नजरें हमेशा चौपाई बनाए रहती हैं, वीरता की चादर में लिपटा, जो धरती की सुरक्षा में हर क्षण युद्ध करता है। जय हिन्द!
चीर फाड़ कर बहाता है उसका खून, सरहद पर जिसने अपने वीरता का प्रदर्शन किया है, धरती माँ की ममता में बसी है उसकी आत्मा, जो सदैव देश के लिए सीना तन में बाँधकर स्वीकृत है। जय हिन्द!
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